- वक्री ग्रह क्या है
- राहु और केतु कब मार्गीय हो जाते हैं और इसके क्या परिणाम होते हैं।
- वक्री ग्रह (बुध, मंगल, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु) के प्रभाव क्या हैं
- ग्रह एक वक्री ग्रह की राशि में होने पर कैसे व्यवहार करते हैं
- जब किसी भाव का भावेश वक्री होता है तो उसके प्रभाव क्या होते हैं
- वक्री ग्रह की दशा का फल
- अस्त ग्रह क्या है, कब ग्रह सचमुच अस्त होते हैं
- क्या कभी ग्रहों का अस्त होना फायदेमंद होता है
- अस्त ग्रह के प्रभाव (चंद्रमा, बुध, मंगल, बृहस्पति, शुक्र, शनि)
- महा विपरीत राज योग (यह कैसे बनता है और इसके फल)
मुख्य बिंदु :
रिकॉर्डिंग 4 घंटे +
कोर्स की रिकॉर्डिंग 3 वर्ष के लिए आपको दी जाएगी।
शिक्षक: श्री वी पी गोयल
संपर्क: www.anuradhasharda.com, +91 9111415550